मंगलवार, 31 दिसंबर 2013

सुंदर फूलों की बहार आई ..












नए साल का स्वागत,गुलाब और गेंदे की बगिया में ..
फूल अपनी रंगत-रूप महक से मनमोह लेते हैं..फूलों की ये बगिया है, मित्र सतीश और हरीश शाह की,बिलासपुर से कोई आठ किमी दूर,जन्नत का नजरा है इन दिनों यहाँ,कल मैं अपने दोस्त नवभारत के पूर्व सम्पादक बजरंग केडिया और यूके दूबे जी के साथ यहाँ पंहुचा.साल को विदा करने.फूलों के प्रति शाह परिवार के इस शौक और अनुराग को सलाम, हर गुलाब का नाम याद है उनको.

.दिसम्बर के अंतिम दिन इस बगिया में आम में बौर आ गया थे,रूद्राक्ष में फल,ब्राह्मी बूटी हरी भरी थी,कपूर ,तेजपत्र,कृष्णवट,सिन्दूर,सेहरा, शहतूत, गुडमार न जाने क्या क्या उन्होंने जमा किया है अपनी बगिया में ..!

कोई टिप्पणी नहीं: