मंगलवार, 30 सितंबर 2014

पद्म विभूषण विजयपत सिंघानिया उम्र बढ़ी जज्बा वही



पद्मविभूषण विजयपत सिंघानिया ने कल ग्रामीण विकास प्रशिक्षण केंद्र का गोपालनगर में उद्घाटन किया,,सिंघानिया 75 वसंत देख चुके है पर कल उन्होंने कहा की देश के जिन राज्यों में उनके गौ पालन प्रशिक्षण केंद नहीं है वहां भी वे इस माध्यम ग्रामीण विकास के लिए उद्यत हैं ,,!
दरसल विजयपत जी का नाता छतीसगढ़ से पुराना है और उन्होंने अपने व्यक्तित्व से पत्रकारों पर भी छाप छोड़ी हैं..छतीसगढ़ में आठ के दशक के शुरुवात में गोपालनगर में रेमंड सीमेंट की उन्होंने स्थापना की, तब बिलासपुर के पत्रकार भी वहाँ मौजूद थे,, पत्रकार नथमल शर्मा ने पूछा आप कारखाने के साथ ग्रामीण बच्चों के लिए एक स्कूल भी क्यों नहीं शुरू करते..डा. विजयपत ने जवाब दिया हम व्यवसाय और चेरिटी एक साथ-साथ नहीं करते आज यहाँ उद्योग स्थापना के लिए आये हैं बाद स्कूल खोल देगे ,,और कारखाने में सीमेंट उत्पादन के साथ एक आलीशान स्कूल ने आकार ले लिया ,,कालान्तर रेमंड सीमेंट सयंत्र लफाज सीमेंट के पास हो गया, लेकिन कैलाश पत सिंघानिया हायरसेकण्ड्री स्कूल आज भी उसी नाम से संचालित है,,!

गाय पालन उनका शौक भी है,बिलासपुर से कोई तीस किमी दूर गोपालनगर में उन्होंने डेयरी और भ्रूण रिसर्च सेंटर की सथापना जेके ट्रस्ट के मार्फत की,इस डेयरी की तारीफ जान आंध्रप्रदेश के डेयरी विज्ञानियों सहित चन्द्राबाबू नायडू यहाँ आवलोकन करने पहुंचे ,,इस अवसर पर संगोष्ठी में जब अतिथिजनॉ ने पूछा की उन्नत गाय से उन्नत सांड की कीमत कई गुणा अधिक क्यों है तब मेजबान विज्ञानी जवाब नहीं दे सके ..सिंघानियाँ ने जवाब दिया एक अच्छी गाय से विरसत में हम कुछ गाय पैदा कर सकते हैं लेकिन एक सांड से कई उन्नत गाय..उन्होंने बताया की भैस के दूध से गाय दूध गुणकारी है भैस का दूध जिस्म को मजबूत बनता है तो गाय का दिमाग बढ़ता है.
विजयपत आला दर्जे के पायलट रहे हैं उन्होंने मात्र 678 किलो के मैक्रोलाइट विमान से विश्व का चक्कर लगा कर विश्व कीर्तिमान रचा है .इस उड़ान के पहले उन्हें आठ किलो वजन कम करना पढ़ा था,,!

आज उनकी अगुवाई में जेके ट्रस्ट दवारा आठ राज्यों में साढ़े तीन हजार समन्वित पशुविकास केंद संचालित है जहा ग्रामीण युवको को उन्नत पशुपालन के लिए सीखा कर तैयार किया जाता है ,ये अपने क्षेत्र में देश का सबसे बड़ा एनजीओ है,,कल गोपाल नगर में गौपालन के लिए प्रशिक्षण केंद का श्री गणेश हुआ ,इस मौके पर योजना के सीईओ डा श्याम झंवर और जे के ट्रस्ट के बहुतेरे आधिकारी मौजूद थे .!

सोमवार, 29 सितंबर 2014

माँ प्रतिमा के चोर वर्षों बाद कानून से परे

''माँ की जितनी सुंदर मूरत ईसा पूर्व दो शताब्दी की नगरी मल्हार में है वैसी मैंने कही नहीं देखी,काले ग्रेनाईट पत्थर पर बनी इस प्रतिमा का डिड़िनेश्वरी [वन्दनचरणी माँ पार्वती] की माना जाता है, माँ की ये प्रतिमा 10-11शताब्दी की है,,माँ की प्रतिमा का मुख इस काल के पातालेश्वर शिव मन्दिर की तरफ है. ये महज संयोग नहीं हो सकता..! ये दोनों मंदिर बिलासपुर से 32 किमी दूर मल्हार में हैं ! इस नगरी मे पुरा सामग्री का खजाना है ,,!

यहाँ के पुजारी ने बताया कि इस बार शारदीय नवरात्र में 3600 ज्योतिकलश प्रवलित किये गए है एक ज्योतिकलश अमेरिका में बसे प्रतिष्ठित शुक्ल परिवार की तरफ से हर बार प्रज्वलित किया जाता है,ये परिवार के कुछ सदस्य इस बार दर्शन के लिए आने वाले थे..! मल्हार में कभी शैव,शक्त,वैष्णव,जैन धर्म साथ साथ पनपे थे ,आज ये प्रतिमाओं की नगरी है,,!

[इस प्रतिमा के प्रति श्रध्दा का असीम भाव है ,,पर एक दर्द भी है --मूर्ति चोरों के पहुँच वाला गिरोह इस प्रतिमा को 18 अप्रेल 1991 की रात चोरी कर मेनपुर उतरप्रदेश ले गया ,आसपास के सारे गाँव शोक में डूब गया ,पुलिस ने जनभावनाओं को समझा और प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाया और एक माह बाद 19 मई को प्रतिमा खोज निकली एक फोटोग्राफर पकडाया जो इस प्रतिमा की फोटो के कर गया था पर नामजद मुख्य आरोपी व् अन्य आज तक पुलिस की गिरफ्त से दूर है..अब हर सात जून को यहाँ पुन;प्राण प्रतिष्ठा दिवस मनाया जाता है ,,!]

शुक्रवार, 26 सितंबर 2014

मकसूद और मीडिया

मीडिया में जो बिकता है वो परोसा जाता है..
मकसूद कौन था, उसके माता-पिता क्या करते थे,
वो बाघ के बाड़े में कैसे गिरा..?
क्या वो नशे में था ,,पी एम् रिपोर्ट क्या कहती है..?
जू में लापरवाह अधिकारियों के क्या दंड मिला..?
कोई नेता गया क्या मकसूद के घर ..?
कोई मुआवजा या अनुग्रह राशि दी गई ..?
क्या वो किसी बड़े नेता ये आधिकारी का बेटा नहीं था..इसलिए.?
यदि वो फोटो खींच रहा था और गिरा तो उसका मोबाईल /कैमरा कहाँ हैं..?
वो किन के साथ जू गया था ,,?
इस हादसे के बाद दिल्ली के जू में क्या प्रबंध सुरक्षा के लिए किये गए..?
कहीं कुछ नहीं मिल रहा ,, जो बिक सकता था वो पहले दिन है बड़ी प्रमुखता से बिक गया ,,! कौन बिक रहा है खबर ये मीडिया ..तय करना चाहिए ,,,!!
एक गुजारिश है ''बड़ा दुःख होता है जब सोसल मीडिया में पढ़ा जाता है की वो बकरा खाता था बाघ का बकरा बन गया .. ! थू है उन पर ..जिन्होंने ये सोचा ,,! क्या मीडिया है बाघ और आम आदमी है मकसूद ,, बाघ ने तो एक बार मारा मीडिया दो दिन पहले बाघ के मारे मकसूद को कई बार मरेगा.जब उसे जरूरत होगी ..!

रविवार, 21 सितंबर 2014

हस्तकला का कोई सानी नहीं ,,




''हस्तकला को चाहने वाले कम नहीं,पर इन्हें गढ़ने वाले हाथ और खरीददार में दूरी बनी हैं,ये बात हर हस् कला शिल्पी मनाता है, पंचधातु की महंगी प्रतिमा से कर चंदेरी साड़ी या फिर खजूर की कोमल पत्ती से गुलदस्ता बनाने वाले सभी कारीगर मानते हैं, अच्छा बाजार इन कलाओ के विकास को और विकसित होने का अवसर देगा ,,!

ये कलाकार मप्र की 'मृगनयनी' की प्रदर्शनी का हिस्सा बने इन दिन बिलासपुर के राघवेन्द्र हाल में एक छत के नीचे अपनी हस्तकला को ले कर पहुंचे हैं,उनके चाहने वाले और खरीददारो का मेला लगा रहता है,पंचधातु निर्मित मूर्तियों का पीढ़ी दर पीढ़ी बनाने वाले घराने का नितिन सोनी यहाँ महँगी प्रतिमा भी लाया है, वे टीकमगढ के हैं. प्रतिमा ढालने की लम्बी प्रकिया है,पर ये मूर्तियाँ स्थाई बनती है, जबलपुर के संगमरमर का प्रतिमा और सन स्टोन का काम करने वाले जयप्रकाश,या फिर खजूर की पत्तियों का आकार देने वाले महादेव और उसकी पत्नी रेखा तिलंगे सभी अपनी हस्त कला में माहिर हैं,! महिलाएं जिज्ञासा से पूछती हैं-चंदेरी की कौन सी साड़ी करीना ने ली थी ,,!

ये परम्परागत कला उनको विरासत में मिली है, इस प्रदर्शनी के प्रबन्धक एम् शर्मा का मानना है की चीन सहित कोई विदेशी आयात इनकी कोई स्पर्धी नहीं ये मौलिक विरासत है कोई इलेक्ट्रॉनिक आईटम नहीं जो कल कुछ और थे आज कुछ दूसरे ,,!
 (7 photos)

शनिवार, 13 सितंबर 2014

प्रवेश ने पदक पर लगाया निशाना


तेरहवीं राज्य स्तरीय पिस्टल एंड राइफल शूटिग स्पर्धा में मेरे अनुज प्रवेश चड्ढा ने इस बार दो रजत और एक कांस्य पदक पर निशाना साध कर अपने नाम किये हैं । रायपुर के माना में आयोजित इस स्पर्धा में पारितोषिक वितरण छतीसगढ़ के गृह,मंत्री राम सेवक पैकरा ने किया..!

प्रवेश चड्ढा रायफल एड पिस्टल स्पर्धा में पहले भी पदक जीतते रहे हैं..आज वे अपने उम्र के 57 साल के पड़ाव में हैं और इस बढ़ती उम्र में निशानेबाजी जटिल हो जाती है.. पर वो सहजता से निशाना साध लेते है,,प्रतियोगिता के आयोजन जिंदल स्टील एंड पावर की तरफ से हर साल किया जाता है जिसमें छतीसगढ़ के निशानेबाज बड़ी संख्या में शिरकत करते हैं,,!
उनकी इस प्रतिभा और शौक को देखते हुए केन्द्रीय मन्त्री रहे विद्याचरण शुक्ल जी ने अपनी एक रायफल प्रवेश को दी थी जिसमें ऊनका नाम गन की ढलाई में ही उत्कीर्ण है,,जो प्रवेश के पास लाइसेंस में दर्ज है ,, 

बांये से पहले क्रम में प्रवेश चड्ढा, मेरी उन्हें बधाई !]