शनिवार, 21 जून 2014

पौधरोपण का अनुष्ठान

बारिश के साथ नेताओं को प्रसन्न करने अधिकारीयों का अनुष्ठान शुरू हो जायेगा, इसका सरकारी नाम है वृक्षारोपण. जबकि लगाये जाते हैं.. पौधे,जो पेड़ कभी बनेगे ये संदिग्य ही होता है..मुस्काते हुए नेताजी 'पुत्र्न्जीवा' का पौधा लगते है..माना जाता है इसके लगाने से पुत्र सदा जीवित रहता है,! कैमरा मुस्कान और फिर क्लिक,,नेताजी बताते है.. पेड़ो का महत्व, तालियाँ..! मीडिया में खबर..! 

कोई नहीं बताता की कुछ सालों पहले इस भूमि पर पहले भी समारोह पूर्वक पेड़ लगे थे..!
तुलसी ने बरसों पहले लिखा था-
तुलसी बिरवा बाग़ का, ज्यों सिंचत कुम्हलाय ,
रहे भरोसे जो राम के ,पर्वत पर हरियाय ..!!


मुझ्र लगता है. समारोहपूर्वक लगाये पौधे बाद अपनी उपेक्षा के दंश से मर जाते होंगे..कुछ जगह तो इतने बार पौधे लगाये गए वो स्थली मुझे कब्रिस्तान से कम नहीं दिखती..बाद वहां मकान या सरकारी भवन बना दिए गए जाते हैं ..!
राजधानी रायपुर के समीप तो कमाल हुआ,दावा किया गया यहाँ पौधे लगने का रिकार्ड बनेगा..बड़े पैमाने पर पेड़ लगने का अनुष्ठान सम्पन्न हुआ,फिर एक दो साल बाद उस स्थल की फोटो सहित पत्रकार मनोजव्यास की रपट आई पौधे लगाने का नहीं मरने का रिकार्ड बना ..बोर्ड पुराना पर कोई पौधा जीवित न था,,!


हमें ये नहीं पता की आज कौन से पेड़ शहर से कम हो रहे, तारों के करीब नीचे कौन से पेड़ लगाये जो बाद कटना न पड़े, लगा दो फिर काटो,पंछी को छाया नहीं और फल तो कभी लगते नहीं,फूल भी खिलते नहीं,क्या लगाया जाये ये किसी से पूछते भी नहीं ,,पूरा काम सरकारी ..अंत भी ..!

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