मंगलवार, 11 नवंबर 2014

नसबंदी शिविर, ग्रामीण महिलाओं की मौत


छोटा सा नसबंदी आपरेशन और 13 मौतें 69 भर्ती 23 महिलाएं गम्भीर ।
आज छतीसगढ़ बंद ।
आज अख़बारों की सुर्खियां हैं,, इसके पहले मोतियांबिन्द आपरेशन शिविरों में दर्जनों को अँधा होना पड़ा और गर्भाशय कांड में सैकड़ों महिलाएं बेवजह बाँझ बना दी गई,ये सब गरीब है..छतीसगढ़ की चिकित्सा व्यवस्था का शिकार ,,! आरोपी निलंबन बाद बहाल हो गए ,,कुछ मामलों के जाँच दो साल में मुकम्मल न हो सकी ,,!
स्वास्थ मंत्री अमर अग्रवाल नसबंदी के इस ताजा मामले में अपनी नैतिक जिम्मेदारी मानते हैं पर सीएम का कहना है उनको नहीं हटाया जायेगा ,,मंत्री ने आपरेशन नहीं किये हैं ,,!इस मामले में पीएम नरेंद्र मोदी ने फोन कर सीएम् से बात की और डाक्टरों की एक टीम दिल्ली से भेजने की खबर है,सयुंक्त राष्ट्रसंघ ने नसबंदी के मामले में हुई इन मौतों का मानवीय त्रासदी निरुपित किया है ,,!!
नसबंदी शिविर का आयोजन बिलासपुर के करीब पेंडारी में नेमिचंद अस्पताल में किया गया था जो कई माह से बंद था और साफ सफाई के अभाव में गंदगी से भरा ,,! ये मौतें कई सवाल छोड़ गई हैं!!

.1,कुछ घंटे में 83 आपरेशन किये गए ,,क्या ओटी मापदंड में खरा था ,नहीं तो आपरेशन क्यों किये गए ,,!
2 क्या उसे अस्पताल को मान्यता थी जहाँ ये शिविर आयोजित किया गया ..
3 आपरेशन बाद महिलाओं को जो दवाएं दी गई कहीं वो ठीक तो थी या अवधि निकल गई थी ,!
4..हरिभूमि के समाचार के मुताबिक नसबंदी कांड के बाद भूत बंगले से इस हास्पिटल की सील तोड़ कर दवा और दस्तावेजो को जलाया गया है ..!
एक सवाल और क्या सरकार ऐसी व्यवस्था करेगी कि  फिर छतीसगढ़ के चिकित्सा शिविर जानलेवा न बनें ..!!

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