छतीसगढ़ में विधानसभा चुनाव का पहला चरण..नक्सलियों ने मुंह की खाई..!
भारत में ये मिसाल है, बस्तर जहाँ बेलेट ने बुलेट को विधानसभा चुनाव में मुहंतोड़ जवाब दिया है,नाव डुबो दी तो आदिवासियों ने कमर तक नदी लाँघ कर वोट दिया,कई शहरी इलाके में भी 61 फीसद वोट नहीं पड़ते,धमकी थी जिसने वोट दिया उसकी ऊँगली काट लेंगे,पर वनवासियों ने उन्हें अंगूठा दिख, दिया.,पहले चरण के मतदान बाद डा.रमन सिंह कर रहे है,बस्तर की आदिवासी महिलाओ ने आशीर्वाद दिया है,उधर चरण दस महंत कह रहे हैं .कांग्रेस को बढ़त मिलेगी ..!पर हकीकत है.जीते आदिवासी हैं,और हारे नक्सली..!
जवानों ने साबित किया है की वो वोट करा सकते हैं, तो नक्सलियों को खदेड़ भी सकते है,ये नक्सली खौफ के खिलाफ उनकी विजय है उनको सलाम ..!ये भी साफ हो गया सरकार की इच्छाशक्ति नपुंसक रहती है, नक्सलियो को खदेड़ने में.. नही तो हमारे जवान कब का इस समस्या का अंत कर देते ..! आज भी बस्तर के आदिवासी लोकतंत्र के साथ हैं ..सरकार किसी की बने,पर जो संकेत बहादुर आदिवासियो ने दिया है, उस रस्ते पर चले,ये अधिक जरूरी है..! चुनाव बाद फ़ोर्स के हटाने के बाद नक्सली हताशा में आदिवासियों से बदला भांजने हिसा की वारदात को अंजाम न दे सके,इस ओर सरकार को सजकता बरतनी होगी ..!
1 टिप्पणी:
फैसला बस्तर के हक में आए, इसका इंतजार है.
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