गुरुवार, 21 अगस्त 2014

जितेन्द्र रात्रे,की फोटो बोलती हैं




फोटो कैमरा नहीं,उसके पीछे खड़े व्यक्ति की सोच खींचती है,जो उसे दूजों से अलग भी बनाती है,ये बात ''विश्व फोटोग्राफरी दिवस' पर बिलासपुर में आजोजित 'नई दुनिया' के फोटो जनर्लिस्ट जितेन्द्र रात्रे की फोटोग्राफी में साफ दिखी,, उनकी खींची फोटो को प्रदर्शनी का आयोजन राधवेन्द्र राव सभा भवन में किया गया.!

ग्रामीण परिवेश से जुड़े जितेन्द्र रात्रे की शिक्षा नवोदय विद्यालय में हुई,इस का असर उनकी सोच पर भी है, ग्रामीण और प्राकृतिक परिवेश उनकी फोटो में मुखरित होता है,,इसका दायरा बढ़ता हुआ वन्यजीव और मानवीय संवेदनाओं तक पहुँच जाता है, करीब दो सौ चित्र उनके दस सालों की मेहनत व लगन का फल है, इस उपवन के चार फूल का गुलदस्ता मेरे दोस्तों के लिए पेश है,,! बारीकी से देखें तो हर फोटो बोलती है कहती है अपनी बात ,,!

इस प्रदर्शनी का उद्घाटन नई दुनिया के एसोसिएट एडिटर डा सुनील गुप्ता और समापन प्रदेश कांग्रेस के महासचिव अटल श्रीवास्तव ने किया, समापन के अवसर पर के नामी-गिरामी लोग हाजिर थे, जिनमे डा. सोमनाथ यादव, संजय दूबे,विवेक वाजेपयी,अभय नारायण राव, राजेश दुआ, जी.उमा महेश,फोटोग्राफर जितेन्द्र ठाकुर, शेखर गुप्ता,पवन सोनी शामिल हैं, इस शहर के सभी फोटोग्राफर और मीडिया कर्मियों की शुभकामना जितेन्द्र रात्रे के साथ रहीं.. दर्शकों ने उनकी फोटो को खूब सराहा ..!

कोई टिप्पणी नहीं: