जैन मन्दिर परिसर में गढ़ी जा रहीं प्रतिमाएं
'फर्क नजरिए का है, जो हमें प्रस्तरखंड दिखता है,मूर्तिकार को उसमें छिपी को सुंदर कृति दिखती है,उम्र का कोई मायने नहीं होता है,कला के क्षेत्र में,कलाकार तो जन्म लेते ही है मूर्ति गढ़ने के लिए ,,!![श्री दिगम्बर जैन मंदिर सर्वोदय तीर्थ परिसर अमरकंटक से]
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